सोयाबीन की खेती (Soybean) एक मुख्य खरीफ फ़सल है जिसे भारत में विशेषकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में प्रमुखता से उगाया जाता है। यह प्रोटीन, आयरन, फाइबर और विटामिन ई से भरपूर है । सोयाबीन (Soybean) को अंग्रेजी (Soybean ko English me) में भी Soybean ही कहा जाता है। सोयाबीन के बीज में प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा‑3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है। इसलिए यह खासकर शाकाहारी लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
सोयाबीन के बीज के फायदे (soyabean ke beej ke fayde) कई हैं – यह हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, शरीर में हार्मोन संतुलन बनाए रखते हैं और दिल की सेहत के लिए भी अच्छे माने जाते हैं।
अगर हम खाद की बात करें, तो DAP fertilizer सोयाबीन के लिए बहुत उपयोगी है।उत्पादन बढ़ाने के लिए सोयाबीन में DAP खाद का सही इस्तेमाल करना चाहिए | इससे पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं और फसल में ज्यादा फूल और फलियाँ लगती हैं। आज के समय में बाजार में DAP fertilizer 50 kg price और DAP khad price थोड़े-बहुत ऊपर-नीचे होते रहते हैं, लेकिन लगभग 1350 रुपये से 1700 रुपये के बीच DAP मिल जाता है।
कई किसान भाई Sardar DAP ब्रांड को भी पसंद करते हैं क्योंकि यह गुणवत्ता में अच्छा होता है। बहुत से किसानों भाइयों का सवाल रहता है कि DAP vs NPK में कौन सी खाद बेहतर है? इसका आसान जवाब यह है कि DAP मुख्य रूप से फॉस्फोरस के लिए बेहतर है, जबकि NPK में तीनों जरूरी पोषक तत्व – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम – मिलते हैं, जिससे पौधे को संतुलित पोषण मिलता है।
सोयाबीन की खेती भारत में खासकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में बड़े स्तर पर की जाती है। Soybean farming in India किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन चुकी है क्योंकि इसमें कम लागत में अच्छा उत्पादन होता है। Soyabean ke beej (seeds of soyabean) पोषण से भरपूर होते हैं |
खेती के दौरान फसल में कई तरह के सोयाबीन रोग और सोयाबीन की फसल में कीट लग सकते हैं, जिनका समय पर इलाज जरूरी होता है। इससे जुड़ी जानकारी soybean pests and diseases के माध्यम से समझी जा सकती है।
सोयाबीन की बुवाई का समय आमतौर पर जून के आखिरी सप्ताह से लेकर जुलाई के मध्य तक होता है। सही समय, उचित खाद, और कीट-रोग नियंत्रण अपनाकर soybean India में एक अच्छी और लाभकारी फसल ली जा सकती है।
- सोयाबीन की बुवाई-दस्तक, फसल चक्र और कटाई का समय
- खेती की सर्वोत्तम प्रैक्टिस
- आम रोग (rogs) और उन्हें नाशक
- कीट (pests) और बचाव
- DAP खाद का महत्व, उपयोग और फायदे
1. सोयाबीन में लगने वाले मुख्य रोग (Soybean Diseases)
अ) Anthracnose (Pod Blight)
- लक्षण: छितरी हुई पोधों पर गहरे भूरे धब्बे, सूखापन
- निवारण: खेत की सफाई, थिराम/कैर्बेंडाजिम @3 g/kg बीज, मैनकोज़ेब स्प्रे @2.5 g/L
इ) Charcoal Rot (Macrophomina)
- लक्षण: जड़ों का काला होना, पौधे का पानी की कमी पर आसानी से झड़ना
- बचाव: ट्रिचोडर्मा/Pseudomonas या कीटनाशक बीज नष्ट; मुरझाने पर करबेंडाजिम या जैविक नमी अक्सर
ई) Collar rot (Sclerotium rolfsii)
- लक्षण: मिट्टी से नज़दीक सड़े स्टेम, पौधे की अचानक सूखावट
- समाधान: बीज उपचार + स्थानिक धोना (spot drenching)
उ) Frogeye Leaf Spot (Cercospora sojina)
- लक्षण: पत्तियों पर छोटे गोले, बीच में सफेद-भूरे, किनारों पर लाल घेरे
- उपचार: फसलों की सफाई, थिराम+कैर्बेंडाजिम बीज उपचार, मैनकोज़ेब स्प्रे
ए) Soybean Mosaic Virus (SMV)
- वायरस संचरण: ऐफिड्स से, बीज जनित भी संभव
- निवारण: वायरस मुक्त बीज, ऐफिड नियंत्रण, सीधे क्षति वाले पौधों को हटाएं, प्रतिरोधी किस्में
ओ) Soybean Cyst Nematode (SCN)
- लक्षण: जड़ें पर सफेद/भूरी सिस्ट, पौधे में कमजोरी
- निवारण: बेयर फील्ड में डंपिंग, प्रतिरोधी किस्में, फसल चक्र
क) Bacterial Blight (Pseudomonas syringae)
- लक्षण: पत्तियों पर भूरे धब्बे, शुरुआती नुकसान से बचाव नज़रअंदाज़ नहीं करें
- नियंत्रण: प्रतिरोधी किस्में, साफ बीज, खेत स्वच्छता
2. सोयाबीन में कीट (Pests) और निवारण
प्रमुख कीट और उपचार:
- Soybean Aphid: यदि औसतन 250 ऐफिड/पौधा हों तो स्प्रे करें
- Stem Fly, Caterpillars, Beetles: फसल व चिड़िया को हटाओ, डिमेथोएट/क्विनलफॉस स्प्रे करें
- Pod Borer, Griddle Beetle: इंडॉक्साकार्ब, क्लोरंट्रानिलिप्रोल, Bt स्प्रे
💡Integrated Pest Management (IPM) में—खेत सफाई, प्रति 15 दिन मॉनिटरिंग, सावधानी से स्प्रे करते रहना भी शामिल है ।
3. DAP खाद सोयाबीन के लिए – फायदे, उपयोग और समय
DAP (Diammonium Phosphate) के फायदे:
- मज़बूत जड़ें: फॉस्फोरस आसानी से उपलब्ध रहती है, जिससे पौधे की जड़ें गहरी होती हैं
- रोग‑प्रतिरोधी क्षमता: बेहतर पोषण से पौधा स्वस्थ बना रहता है
- उच्च उत्पादन: पौधे में फूल, फलियाँ और दाने बढ़ते हैं kisantak.in
कब और कैसे डालें:
- बुवाई से पहले: अंतिम जुताई के समय ~80 kg DAP प्रति हे. (soil test अनुसार)
- पौधे की 10‑15 दिन में: NPK 19:19:19 स्प्रे + बेंटोनाइट सल्फर
- 20‑25 दिन में: NPK 12:61:00 + सी‑रूबी + इंस्टाफ़र्ट स्प्रे
- 45‑50 दिन में: NPK 13:00:45 + Seaweed + Insta Fert
- फूल आने पर दो बार DAP 2% फोलियर स्प्रे: एक फुल्लावन पर, दूसरा 15 दिन बाद
- Footer hint: Zinc का foliar स्प्रे अनेक बार दवाई से अलग लें, सही समय जून पहले हफ्ते या तीसरे सप्ताह से जुलाई मध्य तक बीज बोने का
सोयाबीन के लिए DAP खाद डालने की तालिका (Table for DAP Application in Soybean)
चरण / समय | DAP देने का समय | मात्रा (प्रति हेक्टेयर) | तरीका (कैसे डालें) | टिप्पणी / सावधानी |
---|---|---|---|---|
खेत की तैयारी | बुवाई से ठीक पहले या साथ में | 100 – 125 किग्रा | मिट्टी में मिला दें या बीज से 5 सेमी की दूरी पर दें | बीज से सीधे संपर्क न हो, नहीं तो अंकुरण खराब हो सकता है। |
बुवाई के समय | बीज बोते समय | यदि नहीं दी पहले तो 125 किग्रा | लाइन के पास मिट्टी में मिलाएं | हल्की सिंचाई करें ताकि खाद सक्रिय हो जाए। |
20-25 दिन बाद (वैकल्पिक) | यदि फसल पीली हो या विकास धीमा हो | 25-30 किग्रा (यदि जरूरत हो) | उrea के साथ फोलिअर स्प्रे या मिट्टी में हल्की खुरपी से दें | अत्यधिक न डालें, वरना दाना उत्पादन घट सकता है। |
अतिरिक्त सुझाव:
पोषक तत्व | मात्रा (हेक्टेयर अनुसार) | देने का समय | विशेष उपयोगिता |
---|---|---|---|
जिंक सल्फेट | 25 किलो | बुवाई के समय | जड़ विकास और दाना भराव में सहायक |
सल्फर (गोबर खाद/बेंटोनाइट) | 20-30 किलो | बुवाई के समय | तेल की मात्रा व गुणवत्ता बढ़ाता है |
4. सोयाबीन की फसल चक्र और कटाई
- सोयाबीन बीज (Soybean seeds) बोने का समय: जून की तीसरी सप्ताह से जुलाई मध्य तक; खरीफ मौसम की फसल
- कटाई का समय (Harvest): जब फलियाँ पूरी तरह पक जाएँ और नमी 8‑10% हो जाए
- जोखिमों से बचाव: देर से कटाई बीज में नमी बढ़ाती है, निकालकर hermetic बैग में रखें

5. खाद और पोषण प्रबंधन
- बेसल ड्रेसेज: 20 kg N, 80 kg P2O5 (DAP या SSP), 40 kg K2O, 40 kg S (Gypsum) प्रति है
- ZnSO₄: सिंचाई वाले क्षेत्रों में 25 kg/ha
- Foliar सप्लिमेंट्स: NAA, सैलिसिलिक एसिड 40 mg/L & 100 mg/L दो बार फुल्लावन से 15 दिन बाद
- उर्वरक का समय: मिट्टी परीक्षण के अनुसार संतुलित मात्रा में उपयोग करें
6. खेती के स्थान और प्रमुख क्षेत्र
- भारत में प्रमुख राज्य: मध्य प्रदेश (~45%), महाराष्ट्र (~40%), राजस्थान; बिहार में प्रवृत्ति
- अन्य देश: अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, चीन और इथियोपिया प्रमुख उत्पादक
7. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. सोयाबीन में DAP खाद कब डालें?
A: अंतिम जुताई में बेसल रूप में, फूल के समय दो बार 2% फोलियर स्प्रे करें ।
Q2. सोयाबीन में डीएपी का क्या फायदा है?
A: जड़ें मजबूत होती हैं, पौधे जल्दी बढ़ते हैं और उपज बेहतर होती है ।
Q3. सोयाबीन की फसल कब पकती है?
A: जुलाई में बोई जाती है और लगभग 100–120 दिन में कटाई के लिए तैयार होती है।
Q4. Soybean ko English me kya kehte hain?
A: इसे Soybean ही कहा जाता है, और यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय तिलहनी फसल है।
Q5. Soyabean ke beej ke kya fayde hain?
A: सोयाबीन के बीज प्रोटीन, आयरन, और अच्छे फैट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर को ताकत और ऊर्जा देते हैं।
Q6. DAP fertilizer kya hota hai aur iska rate kya hai?
A: DAP (Diammonium Phosphate) एक प्रमुख फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है। DAP fertilizer rate क्षेत्र और ब्रांड पर निर्भर करता है, लेकिन DAP fertilizer 50 kg price लगभग ₹1350 से ₹1700 के बीच रहता है।
Q7. Sardar DAP kya hai?
A: Sardar DAP एक लोकप्रिय ब्रांड है जो किसानों के बीच अपनी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है।
Q8. DAP vs NPK – कौन सा बेहतर है?
A: DAP में मुख्यतः नाइट्रोजन और फॉस्फोरस होता है, जबकि NPK में नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटैशियम (K) तीनों मौजूद होते हैं। दोनों का प्रयोग फसल की ज़रूरत और मिट्टी परीक्षण पर निर्भर करता है।
Q9. Soybean production sabse jada kahan hota hai?
A: भारत में soybean production sabse jada मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में होता है। इसे “सोयाबीन का गढ़” भी कहा जाता है क्योंकि देश का लगभग 45% से ज्यादा सोयाबीन यहीं पर उगाया जाता है। इसके बाद महाराष्ट्र और राजस्थान का नंबर आता है।
दुनिया में अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादन अमेरिका (USA) में होता है, उसके बाद ब्राजील, अर्जेंटीना, चीन और भारत (Soybean India) आते हैं।
Q10. Soybean plant ke liye kaun si climatic conditions (जलवायु परिस्थितियाँ) सबसे अच्छी होती हैं?
A:Soybean plant को बढ़ने के लिए गर्म और नमी वाली जलवायु की जरूरत होती है। इसकी खेती के लिए 25°C से 30°C तापमान और मध्यम वर्षा (500–1000 mm) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बहुत ज्यादा बारिश या जलभराव से फसल को नुकसान हो सकता है। साथ ही, सोयाबीन के लिए अच्छी धूप और हल्की दोमट मिट्टी भी जरूरी होती है।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग में हमने सोयाबीन की खेती से जुड़ी रोग, कीट, DAP खाद, बुवाई‑कटाई समय, उर्वरक प्रबंधन, और भारत में प्रमुख खेतों के बारे में विस्तार से जाना।
लेखक(author): Pawan Patidar
(An experience in farming from last 10 years)
Pawan Patidar पिछले 10 वर्षों से खेती से जुड़े हुए हैं और खासतौर पर सोयाबीन, गेहूं और चना की खेती में उनका गहरा अनुभव है। वह न केवल आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाते हैं बल्कि जैविक और पारंपरिक तरीकों को संतुलित रखकर फसल का उत्पादन बढ़ाने में विश्वास रखते हैं।
उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर यह ब्लॉग लिखा है, ताकि किसान भाइयों को DAP fertilizer, कीट-रोग नियंत्रण, और सोयाबीन की बुवाई जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ सरल भाषा में मिल सकें।
🌾 “किसानी सिर्फ ज़मीन जोतना नहीं, समझदारी से फसल उगाना है।” – Pawan Patidar
1 thought on “सोयाबीन की खेती 2025: बीज, रोग-कीट, खाद व बुवाई समय”