Raksha Bandhan 2025: कब है राखी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, क्या करें और क्या न करें

Raksha Bandhan
Raksha Bandhan 2025: कब है राखी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, क्या करें और क्या न करें

रक्षाबंधन भारतीय आस्था का एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के गहरे और विशुद्ध रिश्ते को सुदृढ़ करता है। यह पर्व हर वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। राखी बांधने की यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और समय के साथ इसमें नए सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम जुड़ते गए हैं।

राखी 2025 कब है? Raksha Bandhan 2025

तिथि: रविवार, 10 अगस्त 2025
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 10 अगस्त, 2025 को दोपहर 01:38 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 अगस्त, 2025 को दोपहर 12:01 बजे

क्या Raksha Bandhan 2025 (राखी) पर सार्वजनिक अवकाश है?

भारत के अधिकतर राज्यों में रक्षा बंधन पर सार्वजनिक या ऐच्छिक अवकाश (Optional Holiday on Raksha Bandhan 2025) घोषित किया जाता है। सरकारी कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व सांस्कृतिक महत्व रखने के कारण कई संस्थानों में अवकाश के रूप में मान्यता प्राप्त करता है, विशेषकर स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में।

2025 में, रक्षा बंधन रविवार को पड़ रहा है, इसलिए पहले से ही अधिकांश जगहों पर अवकाश रहेगा। लेकिन यदि यह सप्ताह के किसी कार्यदिवस पर पड़े, तो विशेष अवकाश की घोषणा की जाती है।

( रक्षा बंधन ) राखी का शुभ मुहूर्त क्या है?

राखी का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • राखी बांधने का शुभ समय: दोपहर 01:38 बजे से रात 09:12 बजे तक
  • भद्रा काल समाप्त: सुबह 11:12 बजे तक रहेगा, इस दौरान राखी न बांधें।
Raksha Bandhan - 2025
Raksha Bandhan 2025

राखी बांधने की विधि:

  1. सुबह स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
  2. पूजा थाली में रोली, अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई, और राखी रखें।
  3. भाई को तिलक लगाएं, अक्षत चढ़ाएं, फिर राखी बांधें।
  4. भाई को मिठाई खिलाएं और उनकी लंबी उम्र व समृद्धि की कामना करें।
  5. भाई बहन को उपहार दे और उसकी रक्षा का वचन दे।

👉 सुझाव: पूजा थाली में श्रीफल (नारियल), अगरबत्ती और एक छोटा सा उपहार भी शामिल करें, इससे पूजा की संपूर्णता मानी जाती है।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है?

रक्षाबंधन का सीधा अर्थ है – ‘रक्षा का बंधन’। यह पर्व बहन द्वारा अपने भाई की लंबी उम्र, सुरक्षा और समृद्धि की कामना हेतु मनाया जाता है। बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है।

ऐतिहासिक प्रमाण:

  • द्रौपदी और कृष्ण: जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की ऊँगली से खून निकलते देखा, तो अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर बाँध दिया। श्रीकृष्ण ने उसी क्षण वचन दिया कि वे उसकी रक्षा करेंगे।
  • रानी कर्णावती और हुमायूं: रानी ने राखी भेजकर मदद मांगी और हुमायूं ने मुस्लिम होते हुए भी राखी के वचन का पालन किया।
  • यमराज और यमुनादेवी: एक मान्यता के अनुसार यमुनादेवी ने यमराज को राखी बांधी, और यमराज ने बदले में उसे अमरत्व का वरदान दिया।

क्या करें:

  1. प्रात:काल स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. थाली में रोली, अक्षत, दीया, मिठाई, राखी रखें।
  3. भाई को तिलक कर राखी बांधें और उन्हें मिठाई खिलाएं।
  4. भाई बहन को उपहार दें और रक्षासंकल्प लें।
  5. बुजुर्गों का आशीर्वाद अवश्य लें।

क्या न करें:

  1. भद्रा काल में राखी न बांधें।
  2. जबरदस्ती या मजाक में राखी न बांधें या बंधवाएं।
  3. बिना तैयारी के जल्दबाज़ी में पूजा न करें।
  4. भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते को हल्के में न लें।
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अपने भाई या बहन को क्या उपहार दें?

( Best Gifts for Brother on Raksha Bandhan 2025 )

भाई के लिए उपहार:

  • कलाई घड़ी
  • बुक/जर्नल या पर्सनलाइज्ड डायरी
  • परफ्यूम
  • फॉर्मल या कैजुअल कपड़े
  • डिजिटल गैजेट (ईयरबड्स, स्मार्टवॉच आदि)

( Best Gifts for Sister on Raksha Bandhan 2025 )

बहन के लिए उपहार:

  • पर्सनलाइज्ड गहने
  • गिफ्ट वाउचर/शॉपिंग कूपन
  • स्किनकेयर या मेकअप सेट
  • किताबें या डायरी
  • इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे हेयर ड्रायर, स्मार्टवॉच

👉 टिप: उपहार मूल्य से नहीं, भावना से मूल्यवान होता है। ऐसा उपहार दें जो उन्हें उपयोगी लगे और आपकी भावनाओं को दर्शाए।

क्या आपको पता है?

परंपरा के अनुसार शादी से पहले महिलाएं दाएं हाथ में राखी बंधवाती हैं, जबकि शादी के बाद वे बाएं हाथ में बंधवा सकती हैं इसका धार्मिक कारण यह है कि विवाह के समय फेरे लेते समय दूल्हे को दुल्हन का दाहिना हाथ सौंपा जाता है, जिससे वह पवित्र और पत्नीव्रता जीवन की शुरुआत करता है। इसलिए शादीशुदा महिलाएं राखी अपने बाएं हाथ में बंधवा सकती हैं। यह एक सांस्कृतिक मान्यता है। अविवाहित लड़कियों को आमतौर पर दाहिने हाथ में राखी बांधनी चाहिए, जबकि शादीशुदा महिलाओं के लिए बाएं हाथ में राखी बांधना भी स्वीकार्य है।

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Raksha Bandhan

आधुनिक सोच में रक्षाबंधन

अब बहनें बहनों को, मित्र एक-दूसरे को, और समाज की रक्षा करने वाले – जैसे सैनिक, डॉक्टर, पुलिस – को भी राखी बांधती हैं। यह पर्व अब सिर्फ परिवार तक सीमित न रहकर सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया है।

केस स्टडी:

2023 में मध्य प्रदेश के एक NGO ने महिला पुलिसकर्मियों को राखी बांधकर उन्हें सम्मानित किया। इस पहल ने समाज को यह दिखाया कि रक्षा सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक और सामाजिक भी होती है

2022 में भारत सरकार द्वारा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत विभिन्न राज्यों में एक-दूसरे की संस्कृति को समझने के लिए रक्षाबंधन पर सांस्कृतिक मेलों का आयोजन किया गया था, जिससे यह त्योहार राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना

रोचक तथ्य और आंकड़े:

  • भारत में हर साल लगभग 40 करोड़ राखियाँ बिकती हैं।
  • राखी उद्योग में हर साल लगभग 6000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है।
  • राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात राखी निर्माण के बड़े केंद्र हैं।
  • COVID-19 महामारी के बाद ऑनलाइन राखी बिक्री में 65% वृद्धि देखी गई।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. 31 तारीख को कितने बजे तक राखी बांध सकते हैं?

A. 2025 में रक्षाबंधन 10 अगस्त को है, 31 तारीख से इसका संबंध नहीं है। राखी बांधने का समय 10 अगस्त को दोपहर 01:38 से रात 09:12 बजे तक है।

Q2. रक्षाबंधन का शुभ टाइम कब है?

A. 10 अगस्त 2025 को दोपहर 01:38 बजे के बाद भद्रा काल समाप्त होते ही शुभ समय शुरू होता है। रात 9:12 बजे तक राखी बांधना उचित है।

Q3. रक्षा बंधन कब शुरू हुआ था?

A. इसकी शुरुआत पौराणिक काल में मानी जाती है, विशेष रूप से द्रौपदी-कृष्ण प्रसंग से।

Q4. रक्षा बंधन 30 या 31 को है?

A. 2025 में रक्षा बंधन 10 अगस्त को है। यह हर साल सावन मास की पूर्णिमा को पड़ता है।

Q5. राखी कब नहीं बांधनी चाहिए?

A. भद्रा काल के दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। 2025 में भद्रा काल सुबह 11:12 बजे तक है।

Q6. पहली राखी किसने बांधी थी?

A. धार्मिक मान्यता अनुसार, द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी, जो इस परंपरा की शुरुआत मानी जाती है।

Q7. राखी कौन से हाथ में पहनी जाती है?

A. पुरुष अपने दाएं हाथ में राखी बंधवाते हैं।

Q8. महिला हिंदुओं के लिए राखी किस हाथ में बांधनी चाहिए?

A. परंपरा के अनुसार, शादी से पहले दाएं हाथ में, शादी के बाद बाएं हाथ में राखी बंधवाना शुभ माना जाता है।

निष्कर्ष:

रक्षाबंधन केवल एक धागा नहीं, बल्कि एक वचन है, एक भरोसा है, और एक सांस्कृतिक दायित्व भी। इस रक्षाबंधन  2025 में अपने रिश्तों को समय दें, भावनाओं को प्राथमिकता दें और सही समय पर पर्व का आनंद लें।

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